प्रश्न :
जीन्दगी में शांति क्यों नहीं है ?
उत्तर :
इस लिए कि हम शांति की बात तो करते है पर शांति के रास्ते पर हम चलते नहीं ।
प्रश्न :
ऐसा भी नहीं है।
हम हमेशा सबकी भलाई करते है। सदा एक अच्छे रास्ते पर चलते है धर्म का काम करते है सदा इन पांच विचारों का ख्याल रखते है :
हमारे ठाकुर ने कहा है : अच्छा करने से ही जीवन के अभाव चले जाएँगे, शांति मिल जाएगी यह जरुरी नहीं है।
हां ! अच्छा हमें करना चाहिए, जिससे हमारे उत्थान का रास्ता बंद नहीं होता।
लेकिन अभाव को भगाना है, शांति को लाना है तो आपको ऐसे किसी मास्टर के पास जाना होगा जिन्होंने अभाव अशांति को नियंत्रित किया है।
शांति शांति का जप करने से शांति तो आयेगी नहीं !
अगर आप योग सीखना कहते है तो योग के गुरु के पास जाते है न!
तो शांति चाहिए तो किन रास्तो पर चलने से शांति मिलती है यह भी तो जानना होगा !
आज मनुष्य के पास सब कुछ है पर ठाकुर जी की तरह कोई जीवंत आदर्श नहीं है। हम कुछ बनना चाहें तो कैसा बने ? कोई सटीक पिक्चर हमारे पास नहीं ।
कहने को ठाकुर जी अब हमारे पास नहीं ! लेकिन उन्होंने कृपा कर श्री श्री दादा और पूज्यनीय बबाई दा जैसे जीवंत आदर्श हमें देकर गए है ।
जिनका संग कर हम यह जान पाते है कि जीवन क्या है? इस जीवन को जीने का तरीका क्या है ?
यह कोई अलग रास्ता नहीं है परन्तु यह वो रास्ता है जो हमारे जीवन में आने वाली बाधा व्याधियों को कैसे नियंत्रित किया जाये यह समझाता है।
वह भी इतने स्वाभाविक रूप से, जैसे हमें साँस लेने के लिए कोई प्रयत्न नहीं करना पड़ता।
उसी भांति, ठाकुर जी न जाने कब कैसे हमारे जीवन से उन सभी गलत परवर्तियों को नियंत्रित कर लेते है कि हमें कुछ भी पता ही नहीं चलता ।
यह थोरी है कि कोई व्रत करना होगा, तप करना होगा।
वह तो मानव मानव के बीच एक ऐसे प्रेम की सृष्टी पैदा कर देते है कि सभी अपने लगते है।
उसी तरह से जैसे हमें अपना बच्चा अपना लगता है।
हमें अपने को समझाना पड़ता है क्या कि यह मेरा बेटा है ?
उसी भांति सारा संसार अपना हो जाता है।
जीन्दगी में शांति क्यों नहीं है ?
उत्तर :
इस लिए कि हम शांति की बात तो करते है पर शांति के रास्ते पर हम चलते नहीं ।
प्रश्न :
ऐसा भी नहीं है।
हम हमेशा सबकी भलाई करते है। सदा एक अच्छे रास्ते पर चलते है धर्म का काम करते है सदा इन पांच विचारों का ख्याल रखते है :
- किसी का हक़ न ले।
- किसी को बुरी बात न कहे।
- अन्याय का पैसा घर में नहीं लाये।
- गरीबो की सेवा करे।
- धार्मिक पुस्तकों का अध्यन करे। फिर मेरे जीवन में शांति क्यों नहीं? हर कदम पर एक हार मिलती है । हमेशा जीवन में एक अभाव बना रहता है। आखिर क्यों ?
हमारे ठाकुर ने कहा है : अच्छा करने से ही जीवन के अभाव चले जाएँगे, शांति मिल जाएगी यह जरुरी नहीं है।
हां ! अच्छा हमें करना चाहिए, जिससे हमारे उत्थान का रास्ता बंद नहीं होता।
लेकिन अभाव को भगाना है, शांति को लाना है तो आपको ऐसे किसी मास्टर के पास जाना होगा जिन्होंने अभाव अशांति को नियंत्रित किया है।
शांति शांति का जप करने से शांति तो आयेगी नहीं !
अगर आप योग सीखना कहते है तो योग के गुरु के पास जाते है न!
तो शांति चाहिए तो किन रास्तो पर चलने से शांति मिलती है यह भी तो जानना होगा !
आज मनुष्य के पास सब कुछ है पर ठाकुर जी की तरह कोई जीवंत आदर्श नहीं है। हम कुछ बनना चाहें तो कैसा बने ? कोई सटीक पिक्चर हमारे पास नहीं ।
कहने को ठाकुर जी अब हमारे पास नहीं ! लेकिन उन्होंने कृपा कर श्री श्री दादा और पूज्यनीय बबाई दा जैसे जीवंत आदर्श हमें देकर गए है ।
जिनका संग कर हम यह जान पाते है कि जीवन क्या है? इस जीवन को जीने का तरीका क्या है ?
यह कोई अलग रास्ता नहीं है परन्तु यह वो रास्ता है जो हमारे जीवन में आने वाली बाधा व्याधियों को कैसे नियंत्रित किया जाये यह समझाता है।
वह भी इतने स्वाभाविक रूप से, जैसे हमें साँस लेने के लिए कोई प्रयत्न नहीं करना पड़ता।
उसी भांति, ठाकुर जी न जाने कब कैसे हमारे जीवन से उन सभी गलत परवर्तियों को नियंत्रित कर लेते है कि हमें कुछ भी पता ही नहीं चलता ।
यह थोरी है कि कोई व्रत करना होगा, तप करना होगा।
वह तो मानव मानव के बीच एक ऐसे प्रेम की सृष्टी पैदा कर देते है कि सभी अपने लगते है।
उसी तरह से जैसे हमें अपना बच्चा अपना लगता है।
हमें अपने को समझाना पड़ता है क्या कि यह मेरा बेटा है ?
उसी भांति सारा संसार अपना हो जाता है।
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