संदीपन

25 मार्च 2015

प्रश्न - इष्टदेव के प्रीति की के लिए कितना इष्टभृति का अर्घ्य निवेदन करना चाहिए ?


श्रीश्रीठाकुर ~ अपने दैनन्दिन आहार के अनुपात मेँ इष्टभृति का अर्घ्य निवेदन करना चाहिये, यह भी निम्नतम है इससे कम तो और भी विषम है जो नहीँ होना चाहिये । क्षमता रहने पर कभी भी इष्टभृति अर्घ्य मेँ कमी नहीँ करनी चाहिये क्योकि ऐसा करना कपट है । अत: कपटी नहीँ होना चाहिए । आहार के अनुरुप तथा उससे अधिक इष्टभृति-अर्घ्य मेँ वृद्धि करते रहने से उत्तरोत्तर सामर्थ की भी वृद्धि होती रहती है । इसीलिये इसे सामर्थी योग भी कहा जाता है । ..... दिनचर्य्या , पृष्ट सं॰33 .... JOY GURU.
-ऋषभ 

कोई टिप्पणी नहीं: