संदीपन

6 मार्च 2010

ईस्ट निर्देश पालन

ईस्ट निर्देश पालन ही सीधिप्रप्ति का पथ : श्री श्री ठाकुर
बहुधा देखा जाता है लोग सिधि सिधि चिल्लाते है जहाँ तहां त़प साधन मे जुटे रहते है।

पर ठाकुर जी ने सिधी प्राप्ति का एक ऐसा सरल पथ दिखा दिया है जो न केवल आसान है बल्कि हमें एक सुव्यवस्थित एकाग्रचित व उत्साहित बनाये रखता है।
और वह पथ है : ईस्ट निर्देश पालन।

ईस्ट : अर्थात वह ईश्वरीय धारा जिनसे हमने जीवन पाया है।
मनुष्य जब जब अपनी ईश्वरीय धारा के मंगल पथ से भ्रमित होकर दूर गया है तब तब उसके जीवन में अमंगल का प्रवेश हुआ है ।
वह ईश्वरीय धारा जब अवतरित होकर धरती पर सदगुरु के रूप में जीवन धारण करती है उनके ही मंगल रूप मे प्रत्येक जीव अपने जागृत ईस्ट को प्राप्त कर सकता है ।
उनका प्रार्दुभाव एक मनुष्य के लिए होता है।

तथापि जो लोग उनके निकट आते है उनसे युक्त होते है वोही मंगल पथ के अधिकारी होते है।

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